सोमवार, सितंबर 28, 2009

भगवती चरण वर्मा :व्यंग-चित्र के सफल चितेरे !

हिन्दी साहित्य में यू तो एक से बढ़ कर एक नाम हैं ,मगर जिस सहजता के साथ भगवती चरण वर्मा गुदगुदा कर व्यंग का तीर छोड़ते हैं ,वह बहुत कम देखने को मिलता है!"वसीयत "उनकी ऐसी ही एक कालजयी रचना है!वसीयत के अलावा सबही नचावत राम गोसाई भी उनकी कलम की तेज़ धार की पैनी कृति है !वर्मा जी केवल सामयिक पात्रों का चयन करते हैं,बल्कि उनके संवादों में भी लोकभाषा या उस कल-युग का विशेष ध्यान देतें हैं !अपने विषय के साथ गंभीर संदेश के लिए भी उनकी रचनाएँ प्रासंगिक हैं !
वसीयत में पंडित चूडामणि के पात्र को कोई कैसे भूल सकता है,सांसारिक रिश्तों-संबंधों के पीछे छिपी सच्चाई और मनुष्य के लालची मन का हिन्दी में ऐसा चित्रण कहीं अन्य देखने को नही मिलता !

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