सोमवार, अप्रैल 20, 2009

दवा को दर्द की तलाश है!

उमेश पाठक
ऐसा कौन सा इन्सान होगा जिसे दर्द से कष्ट नही मिलता होगा!आदिकाल से ही हम सुखों की चाह में निरंतर दुःख झेलते आ रहे हैं!इस चाह की बजाय अगर दुखो को ही प्यार से अपना लिया जाए तो शायद उनसे मिलने वाली पीडा कम हो जाए! दर्द से परेशान हो कर जब ख़ुद को देखता हूँ तो ऐसा लगता है जैसे दर्द का हिस्सा मै ख़ुद हूँ,कुछ समय पहले दर्द मेरा हिस्सा हुआ करता था!हम दर्द से भाग कर दवा की तलाश करते है,लेकिन दवा के बारे में कभी नही सोचते ..कभी -कभी यही दर्द बड़े काम का होता है और सकारात्मक परिणाम भी दे जाता है !दुनिया के सभी महान विभूतियों का जीवन दर्द से भरा रहा है!संसार की सभी मुख्य रचनाये दर्द के कारन ही संभव हो सकीं !
हर एक दर्द को दवा की आस है,
पर अब दवा को भी दर्द की तलाश है!

5 टिप्‍पणियां:

  1. दुनिया के सभी महान विभूतियों का जीवन दर्द से भरा रहा है!संसार की सभी मुख्य रचनाये दर्द के कारन ही संभव हो सकीं !
    मैने भी कभी लिखा था ...
    सख्‍ती , कठोरता , वरदान प्रकृति का ,
    हर्षित हो अंगीकार कर।
    दृढ , अचल चरित्र देगी यह ,
    क्रमबद्ध ढंग से यह सजकर।
    जैसे बनती है भवय अट्टालिकाएं ,
    जुडकर पत्‍थरों में पत्‍थर।

    जवाब देंहटाएं
  2. सही कहा!!

    दर्द से तो एक से एक रचनाऐं बह निकलती हैं.

    जवाब देंहटाएं
  3. guru dard tanha ho to ya to khamosi odha laita hai ya kalam sai aansu ho k bahata hai

    जवाब देंहटाएं
  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  5. This is such an amazing site exploring all the possible areas of jobs. If you will update some Sarkari Result then it will be great

    जवाब देंहटाएं