मंगलवार, अप्रैल 07, 2009

दर्द का हद से गुज़रना ही दवा होता है!


इन्सान की ज़िन्दगी में दर्द का बड़ा ही महत्व है.कभी दर्द हमें कमज़ोर करता है तो कभी ताकत भी देता है.बुद्धने अगर इस संसार को दुखमय कहा तो कबीर ने माया !मगर दुःख को सभी ने स्वीकार किया.नियति जब अपनी पर आती है तो भगवान राम होने के बाद भी हमें १४ सालका वनवास काटना पड़ता है.प्रकृति की सभी सुन्दरतम रचनाओं का जन्म दर्द से हो कर ही संभव होता है .
"वियोगी होगा पहला कवि,आह से उपजी होगी प्रथम कविता" ।
सुख और दुःख में एक अंतर्संबंध है,जिसे नकारा नही जा सकता !सुख के बाद दुःख और दुःख के बाद सुख एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है !
"दुःख के अन्दर सुख की ज्योति,दुःख ही सुख का ज्ञान !
दर्द सह कर जनम लेता , हर कोई इंसान! "
अजीब है दिल का दर्द यारों न हो तो मुश्किल है जीना इसका ,
जो हो तो हर एक दर्द हीरा ,हरेक गम है नगीना इसका !
"ग़ालिब" ने भी इसीलिए कहा है-किसी के सोचने - कहने से क्या होता है,दर्द का हद से गुज़रना ही दवा होता है!

10 टिप्‍पणियां:

  1. bahut sahi dard ko apnanahi dard se ubharne ki dawa hai,ramji nachute to aam insaan kaise hute dard se,bahut achhi post.

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  2. सही कहा.......दर्द ही दवा होती है
    सुन्दर पोस्ट

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  3. bahut accha hai.kabhi mauka mile to mere blog www.bolaeto.blogspot.com ko bhi dekhein. aap ke comment ka intezar rahega.

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  4. बहुत सुंदर लेख ,से भरा ,यथार्थ पर खरा ,मज़ा आगया बंधू आपसे बात होती रहेगी /लिखते रहिये, आप तो विद्वान् व्यक्ति है ,आजकल कहाँ हैं ?बताइयेगा .
    सादर
    डॉ.भूपेन्द्र

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  5. बहुत अच्छा लिखा है . मेरा भी साईट देखे और टिप्पणी दे

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  6. priyanka sharma .
    bahut sahi likha h sir aapne its completely meaningful and worthful.sir kuch or naya bhi likhye i hv 2 read more ...thnk u sir

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  7. दर्द जब हद से गुजरता है मजा देता है ........

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