मंगलवार, मार्च 09, 2010

कोई दर्द जो दिल में होता है!



-उमेश पाठक

चेहरे से बयां हो जाता है,अफसाना जो दिखता है,
कोई ग़मगी हो चुप रहता है ,कोई दर्द की गजलें लिखता है,
कही कोई आहें भरता है ,कही कोई गुमसुम रोता है,
कोई दर्द जो दिल में होता है,
कोई दर्द जो दिल में होता है!

भूली बिसरी सी चाहो में ,जेहन की पुरानी राहों में,
उखड़ी-उखड़ी सी सांसों में ,कुछ भूले हुए एहसासों में ,
दामन अश्कों से भिगोता है,कोई दर्द जो दिल में होता है !

दिल के अपने जज्बातों से, माजी की पुरानी रातों से ,
अरसे पहले जो गुजर चुकीं ,धुंधली सी उन मुलाकातों से,
खाबों में तासुब्बुर में ही सही,कोई मिल के गले तब रोता है!

कोई दर्द जो दिल में होता है, कोई दर्द जो दिल में होता है!






शनिवार, मार्च 06, 2010

कुछ दूर हमारे साथ चलो ...


कुछ दूर हमारे साथ चलो ,
हम दिल की कहानी कह देंगे !
समझे ना तुम जिसे आंखों से ,
वह बात जुबानी कह देंगे !

जो प्यार करेंगे जानेंगे ,
हर बात हमारी मानेंगे ,
जो जले नहों खुद उल्फत में ,
वह आग को पानी कह देंगे !

जब प्यास जवाँ हो जायेगी,
एहसास की मंजिल पाएंगे,
खामोश रहेंगे और तुम्हें ,
हम अपनी कहानी कह देंगे

इस दिल में ज़रा सा झांको तों,
कुछ हाल हमारा पूछो तों ,
हम सदा-सदा दिल ही में हैं ,
हर बात पुरानी कह देंगे!


जो लफ्ज लबो पर सकें,
हम हाल तुम्हें बतला सकें,
एक बार नज़र भर के देखो,
नज़रों की ज़ुबानी कह देंगे !

कुछ दूर हमारे साथ चलो ,
हम दिल की कहानी कह देंगे !


-उमेश पाठक