शुक्रवार, जुलाई 17, 2009

कुछ हास्य व्यंग!


अक्ल बड़ी या...
महामूर्ख दरबार में, लगा अनोखा केस
फसा हुआ है मामला, अक्ल बङी या
भैंसअक्ल बङी या भैंस, दलीलें बहुत सी आईं
महामूर्ख दरबार की अब,देखो सुनवाई
मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस सदा ही अकल पे भारी
भैंस मेरी जब चर आये चारा- पाँच सेर हम दूध निकारा
कोई अकल ना यह कर पावे- चारा खा कर दूध बनावे
अक्ल घास जब चरने जाये- हार जाय नर अति दुख पाये
भैंस का चारा लालू खायो- निज घरवारि सी.एम. बनवायो
तुमहू भैंस का चारा खाओ- बीवी को सी.एम. बनवाओ
मोटी अकल मन्दमति होई- मोटी भैंस दूध अति होई
अकल इश्क़ कर कर के रोये- भैंस का कोई बाँयफ्रेन्ड ना होये
अकल तो ले मोबाइल घूमे- एस.एम.एस. पा पा के झूमे
भैंस मेरी डायरेक्ट पुकारे- कबहूँ मिस्ड काल ना मारे
भैंस कभी सिगरेट ना पीती- भैंस बिना दारू के जीती
भैंस कभी ना पान चबाये - ना ही इसको ड्रग्स सुहाये
शक्तिशालिनी शाकाहारी- भैंस हमारी कितनी प्यारी
अकलमन्द को कोई ना जाने- भैंस को सारा जग पहचाने
जाकी अकल मे गोबर होये- सो इन्सान पटक सर रोये
मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस का गोबर अकल पे भारी
भैंस मरे तो बनते जूते- अकल मरे तो पङते जूते

एक पत्र :
गांव में एक स्त्री थी । उसके पती आई टी आई मे कार्यरत थे । वह आपने पती को पत्र लिखना चाहती थी पर अल्पशिक्षित होने के कारण उसे यह पता नहीं था कि पूर्णविराम कहां लगेगा । इसीलिये उसका जहां मन करता था वहीं पुर्णविराम लगा देती थी ।उसने चिट्टी इस प्रकार लिखी--------मेरे प्यारे जीवनसाथी मेरा प्रणाम आपके चरणो मे । आप ने अभी तक चिट्टी नहीं लिखी मेरी सहेली कॊ । नोकरी मिल गयी है हमारी गाय को । बछडा दिया है दादाजी ने । शराब की लत लगा ली है मैने । तुमको बहुत खत लिखे पर तुम नहीं आये कुत्ते के बच्चे । भेडीया खा गया दो महीने का राशन । छुट्टी पर आते समय ले आना एक खुबसुरत औरत । मेरी सहेली बन गई है । और इस समय टीवी पर गाना गा रही है हमारी बकरी । बेच दी गयी है तुम्हारी मां । तुमको बहुत याद कर रही है एक पडोसन । हमें बहुत तंग करती है

4 टिप्‍पणियां:

  1. पूर्ण विराम अपना कमाल दिखा रहे हैं... :)

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  2. Hello writer,
    your blog consist of few extreme informative, entertaining kind of write ups.
    we really require such kind of writers that too in hindi...
    I congratulate you for such an intellect vision..
    my wishes and prayers., keep writting we need you...

    Prof.Parul Mehta
    GGSIPU(Kasturi Ram College Of higher Education)

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  3. हेल्लो सर
    अति उत्तम आपसे ही
    जाना हिंदी का महत्त्व!बहुत खूबसूरती से आपने कविता
    "भैंस" लिखा है!

    मेरी शुभकामनाये आप
    के साथ हैं-----------
    राधिका वैद

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  4. भइया मजा आ गया कसम से आप ऐसे ही लिखते रहिये और हा अपना फ़ोन नंबर मुझे जरुर भेज दीजियेगा मेरा
    या मेरे स्कार्प में एंट्री कर दीजियेगा

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