शुक्रवार, नवंबर 06, 2009

प्रभाष जोशी का जाना !


हिंदी के जाने-माने पत्रकार प्रभाष जोशी का निधन हो गया है.

वर्षों से हिंदी अख़बार जनसत्ता से जुड़े रहे प्रभाष जोशी को गुरुवार की रात दिल का दौरा पड़ा था. गुरुवार रात क़रीब साढ़े ग्यारह बजे उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

प्रभाष जोशी 73 वर्ष के थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी, उनके दो बेटे और एक बेटी है.

हिंदी अख़बार नई दुनिया से पत्रकारिता करियर शुरू करने वाले प्रभाष जोशी उस समय ज़्यादा सुर्ख़ियों में आए, जब उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के हिंदी अख़बार जनसत्ता के संस्थापक संपादक की कुर्सी संभाली.

अपनी धारदार लेखनी और बेबाक टिप्पणियों के लिए मशहूर प्रभाष जोशी अपने क्रिकेट प्रेम के लिए भी चर्चित थे.

राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों के अलावा क्रिकेट पर भी उनका लेखन ज़बरदस्त था. जनसत्ता में नियमित छपने वाला उनका कॉलम कागद कारे भी काफ़ी लोकप्रिय था.

जनसत्ता

1983 में उन्होंने जनसत्ता के संपादक का काम संभाला था. इस अख़बार से उन्होंने हिंदी पत्रकारिता की दिशा बदल कर रख दी. प्रभाष जोशी के नेतृत्व में जनसत्ता में प्रतिभाशाली पत्रकारों की एक पूरी फौज थी.

जनसत्ता ने उन दिनों न सिर्फ़ राजनीतिक गलियारों में अपनी पैठ बनाई बल्कि अपनी सीधी, सहज लेकिन धारदार भाषा की वजह से आम लोगों का भी दिल जीता.

वर्ष 1995 में प्रभाष जोशी जनसत्ता के संपादक के पद से रिटायर हो गए लेकिन इसके बाद भी वर्षों तक वे जनसत्ता के संपादकीय सलाहकार के रूप में काम करते रहे.

मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले प्रभाष जोशी ने इंडियन एक्सप्रेस के स्थानीय संपादक के रूप में अहमदाबाद, चंडीगढ़ और दिल्ली में काम किया था.