सोमवार, मई 04, 2009

कुछ ज़रूरी प्रश्न: बी जे एम् सी २ सेमेस्टर,हिन्दी के लिए

कुछ ज़रूरी प्रश्न:
१. अनुवाद से आप क्या समझते हैं? अनुवाद के प्रकारों का वर्णन कीजिये?
२.अनुवाद के तत्वों की व्याख्या कीजिये?
३.सम्पादकीय क्या है? सम्पादकीय पृष्ठ के तत्व क्या-क्या हैं?
४.विराम चिन्ह क्या हैं?इनकी क्या उपयोगिता है?
५.भाषा और बोली में क्या अन्तर है?उदहारण सहित समझाइए?
६. मुहावरे और लोकोक्तिओं में अन्तर स्पष्ट कीजिये?
७.स्तम्भ से आप क्या समझते हैं?प्रमुख स्तंभकारों और उनके स्तंभों का वर्णन कीजिये?
८.यात्रा वृतांत और साक्षात्कार का संक्षिप्त वर्णन कीजिये?
९.पत्रकारिता की भाषा कैसी होती है? रेडियो और टीवी के लिए लेखन कैसा होना चाहिए?
१०.फीचर और इन्टरव्यू पर टिपण्णी लिखिए?


(बी जे एम् सी सेकेंड सेमेस्टर के सभी विद्यार्थी कृपया इन सभी प्रश्नों को अच्छी तरह तैयार कर लें,इसके अलावा अनुवाद्के लिए प्रमुख अख़बारों के सम्पादकीय का अनुवाद कर अभ्यास कर लें!परीक्षा की शुभकामनाओं सहित-उमेश पाठक )

शुक्रवार, मई 01, 2009

दर्द जब साथ है....


उमेश पाठक
इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा होगा जो कभी रोया नही हो ,हर इन्सान कभी न कभी आहत या घायल हो कर ,दुःख से घबरा कर ,रोता ज़रूर है!कहते हैं की रोने से दुःख कम हो जाता है,जी हल्का हो जाता है!ये काफी हद तक सच भी है,लेकिन सबसे करीबी मित्र को अपना दुःख बताने पर दुःख बहुत हद तक हल्का हो जाता है और यह अनुभव की बात है!इस संसार के दुखों को देख कर कभी गौतम बुद्ध ने इसे दुखों का सागर कहा था!आसुओं का इन्सान से सबसे करीब का रिश्ता है ! जब मुसीबतें आती हैं तो यार- दोस्त ,सगे सम्बन्धी से पहले आंसू ही आते हैं!हमें कभी भी उन्हें बुलाना नही पड़ता है,वास्तव में ये आंसू दिल की बात कह देते हैं! बिना बोले अभिव्यक्ति का यह सबसे पुराना तरीका है!जिनका दिल मज़बूत होता है वो ही आसुओं को रोक सकतें हैं और आंसू रोकने वाला शख्स हिम्मती और बड़े दिल वाला होता है!
जो अश्क छलक जाए आंखों से,वो अश्क नही है पानी है,
जो आस्क न छलके आंखों से उस अश्क की कीमत होती है!
गुलशन की फकत फूलों से नही ,काँटों में भी जीनत होती है!
जीने के लिए इस दुनियामे गम की भी ज़रूरत होती है!