
(२४.०३.२००९,मंगलवार को बाबूजी के न रहने पर... - उमेश पाठक )
मन में उमड़ने वाले उन तमाम विचारों को यहाँ ले कर आइये...आइये हम एक सार्थक मंथन करें,जिसका उद्देश्य कागजी न हो ! सम्पर्क सूत्र :umeshmj@rediffmail.com
अपनी बात के समस्त पाठकों को होली की शुभकामनाएं!
ज़िन्दगी सभी रंगों से मिलकर बनी है,जिसमे दुःख-सुख,भला-बुरा सभी शामिल है!हमें ज़िन्दगी को उसके इसी वास्तविक रूप के साथ स्वीकार करना है,इसीमे ज़िन्दगी की सार्थकता एवं सफलता निहित है!